Sunday 24th of November 2024

UP: अवैध खनन वाले क्षेत्रों की सैटेलाइट से निगरानी कराएगी योगी सरकार, ड्रोन से भी होगा सर्वे

Reported by: PTC News Himachal Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  July 12th 2024 05:43 PM  |  Updated: July 12th 2024 05:43 PM

UP: अवैध खनन वाले क्षेत्रों की सैटेलाइट से निगरानी कराएगी योगी सरकार, ड्रोन से भी होगा सर्वे

ब्यूरो: प्रदेश में अवैध खनन की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर रुख अख्तियार किया है। सीएम के निर्देश पर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग बड़े स्तर पर टेक्नोलॉजी के उपयोग से अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाने की तैयारी में है। इसके लिए सैटेलाइट से अवैध खनन वाले क्षेत्रों की निगरानी की जाएगी। साथ ही अवैध खनन में लगे वाहनों को वीटीएस प्रणाली के जरिए ट्रैक किया जाएगा। यही नहीं ईंट भट्ठों को भी रिमोट सेंसिंग के जरिए चिह्नित किया जाएगा। 

प्राप्त हो गया है यूपीडेस्को से प्रस्ताव 

विभाग के अधिकारियों के अनुसार अवैध खनन/परिवहन की रोकथाम के लिए तकनीकी सुदृढ़ीकरण को लेकर कई प्रस्ताव तैयार हैं। इनमें व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) और रिमोट सेंसिंग सबसे महत्वपूर्ण हैं। वीटीएस के जरिए उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की रियल टाइम ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वाहन पर ई-अभिवहन प्रपत्र तब ही जारी हो, जब वह वाहन खनन क्षेत्र के लिए जियो फेंस एरिया में प्रत्यक्ष उपस्थित हो। वीटीएस प्रणाली को लागू करने के लिए यूपीडेस्को से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। इसके अलावा अन्य तकनीकी संस्थाओं से भी प्रस्ताव मांगा गया है। 

इन्फोर्समेंट की कार्रवाई के दौरान वर्दी में होंगे कर्मचारी 

अवैध खनन/परिवहन की रोकथाम के लिए रिमोट सेंसिंग का भी सहारा लिया जाएगा। इसमें विभाग द्वारा पहले ही निदेशालय स्तर पर रिमोट सेंसिंग लैब को स्थापित किया जा चुका है। इसके जरिए नए खनन क्षेत्रों के पहचान के लिए सैटेलाइट इमेजरी तैयार की जाएगी। साथ ही अवैध खनन का चिह्नांकन किया जाएगा। यही नहीं ईंट भट्ठों को भी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से चिह्नित किया जाएगा। प्रदेश में 15444 ईंट भट्ठे पंजीकृत हैं। साथ ही ड्रोन सर्वे के जरिए खनन क्षेत्रों के सर्वे तथा खनन के स्वीकृत क्षेत्रों का पर्यवेक्षण भी किया जाएगा। विभाग इन्फोर्समेंट की कार्रवाई के लिए वाहनों की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी में है। अबतक प्रदेश के 55 जिलों में ही इन्फोर्समेंट के कार्य के लिए वाहन रखने की स्वीकृति है। जल्द ही इसे प्रदेश के सभी जिलों के लिए स्वीकृत करने का प्रस्ताव भेजा गया है। यही नहीं इन्फोर्समेंट की कार्रवाई के दौरान कर्मचारियों के लिए यूनिफॉर्म की भी व्यवस्था की जाएगी।

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