ब्यूरोः लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के कार्गो क्षेत्र में रेडियोधर्मी पदार्थ पाया गया, जिसके बाद आपदा प्रबंधन एजेंसी ने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त की। कथित तौर पर नियमित जांच के दौरान मिली इस सामग्री के कारण सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए और साइट का गहन निरीक्षण किया गया। अग्निशमन विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) सहित आपातकालीन प्रतिक्रिया दल वर्तमान में स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं।
हवाई अड्डे ने एक बयान में कहा कि अलार्म के कारण का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को बुलाया गया था। जान या चोट को कोई खतरा नहीं था। हवाई अड्डे के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है। रिसाव फ्लोरीन युक्त दवा की पैकेजिंग से शुरू हुआ। रिसाव को रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
फ्लोरीन के संभावित खतरे
आग का खतरा: फ्लोरीन अपने ऑक्सीकरण गुणों के कारण आग को तेज कर सकता है।
विस्फोट का खतरा: गैस दबाव में है और गर्मी के संपर्क में आने पर विस्फोट हो सकता है।
प्रतिक्रियाशीलता: फ्लोरीन अत्यधिक प्रतिक्रियाशील है, जिससे महत्वपूर्ण सुरक्षा जोखिम पैदा होते हैं।
विषाक्तता: फ्लोरीन का सांस में जाना घातक हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं।
त्वचा और आंखों को नुकसान: इसके संपर्क में आने से गंभीर जलन और आँखों में गंभीर चोट लग सकती है।
श्वसन संबंधी नुकसान: फ्लोरीन श्वसन तंत्र के लिए संक्षारक है और दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है।