ब्यूरोः एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को मुंबई के एक कॉलेज ने हिजाब, बुर्का और टोपी पर बैन पर रोक लगाया है। वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के कानपुर के कॉलेज में कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंच गई। इसके बाद स्कूल की कंप्यूटर की एक महिला शिक्षिका ने उनकी ड्रेस पर आपत्ति जताई और छात्राओं और शिक्षिका में बहस बाजी शुरू हो गई।
इस दौरान शिक्षिका ने छात्राओं से कहा कि वह हिजाब पहनकर स्कूल में नहीं आ सकती है। स्कूल में आने और क्लास में बैठने के लिए स्कूल की ड्रेस पहननी होगी। इस पर छात्राओं ने शिक्षकों का साफ कह दिया कि वह हिजाब पहनकर स्कूल आएंगी, चाहे तो उन्हें स्कूल से हटा दीजिए। इसके बाद परिजन काफी नाराज हो गए और विद्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया। इस घटना के बाद कानपुर में हिजाब विवाद फिर से तूल पकड़ने लगा है।
इस मामले पर प्रिंसिपल सुधीर यादव ने कहा कि इस मामले को लेकर प्रबंधन को जानकारी दे दी है और हिसाब पहनने वाली चारों छात्राओं को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में सिर्फ स्कूल ड्रेस ही पहनकर आने का नियम है और छात्राएं स्कूल में ड्रेस पहनकर आएंगी। वहीं, इस मामले में एसडीएम ने कहा है कि अभी तक किसी भी तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है। फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है।
बता दें कि स्कूलों में हिजाब को लेकर लगातार विवाद सामने आते रहते हैं। कुछ समय पहले कर्नाटक में इसको लेकर भारी हंगामा हुआ था, जिसकी चर्चा देश भर में हुई थी।