ब्यूरोः मथुरा के चर्चित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में देवता और हिंदू उपासकों द्वारा लाए गए 18 मुकदमों की स्थिरता को चुनौती दी गई थी।
हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर एक साथ होगी सुनवाई
मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं, अब हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक साथ सुनवाई होगी।
सभी 18 मुकदमे स्थिरता योग्य हैंः न्यायमूर्ति
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सभी 18 मुकदमे स्थिरता योग्य हैं, जिससे उनकी योग्यता के आधार पर उनकी सुनवाई का रास्ता साफ हो गया। यह निर्णय शाही ईदगाह मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई के बाद 6 जून को एकल न्यायाधीश द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के बाद आया है।
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हिंदू उपासकों और देवता द्वारा दायर किए गए मुकदमे सीमा अधिनियम या पूजा स्थल अधिनियम के तहत प्रतिबंधित नहीं हैं। फैसले में शाही मस्जिद ईदगाह मथुरा की प्रबंध समिति की प्राथमिक दलील को खारिज कर दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट अब हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा।