Sunday 29th of September 2024

UP: परवेज मुशर्रफ की जमीनों का कौन होगा मालिक ? आज लगेगी बोली

Reported by: PTC News Himachal Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  September 05th 2024 12:03 PM  |  Updated: September 05th 2024 12:04 PM

UP: परवेज मुशर्रफ की जमीनों का कौन होगा मालिक ? आज लगेगी बोली

ब्यूरो: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जनरल परवेश मुशर्रफ की संपत्तियों की नीलामी होने जा रही है। उत्तर प्रदेश के बागपत में इन संपत्तियों की नीलामी आज दोपहर होगी। मुशर्रफ के अलावा यूपी के अन्य जिलों में स्थित 40 अन्य लोगों की संपत्तियों की भी नीलामी होगी। ये सभी लोग देश के बंटवारे के समय भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। उस समय उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुल 5974 शत्रु संपत्तियां हैं। वर्तमान में ये सभी शत्रु संपत्तियां भारत सरकार के गृह मंत्रालय के नियंत्रण में हैं। नीलामी प्रक्रिया भी भारत सरकार की देखरेख में ही संचालित की जा रही है। भारत सरकार ने इसके लिए कुछ दिन पहले अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के अनुसार आज कुल 49 शत्रु संपत्तियों की नीलामी की जाएगी। इनमें से 41 संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं। इन्हीं संपत्तियों में से एक है पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ की पुश्तैनी हवेली और बागपत जिले के कोटाना में कुछ जमीन।

दिल्ली आने के बाद भी परिवार का गांव से रहा लगाव 

मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और मां बेगम जरीन कोटाना गांव में रहते थे। हालांकि बाद में वह पुरानी दिल्ली में रहने लगे। इस गांव में रहने वाले लोगों के मुताबिक मुशर्रफ के पिता के यहां से दिल्ली चले जाने के बाद भी वह गांव से जुड़े रहे। हालांकि जब उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया तो इन संपत्तियों की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा। गांव वालों के मुताबिक मुशर्रफ के परिवार के नूरू मियां ने बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था।

आज भी देश बंटवारे की मार झेल रहा है

हालांकि 18 साल भारत में रहने के बाद वह भी देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। आपको बता दें कि मुशर्रफ और उनके परिवार की संपत्तियां सिर्फ बागपत में ही नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली के पुरानी दिल्ली इलाके में भी हैं। यह संपत्ति भी एक हवेली के रूप में है। 1947 में आजादी के समय देश दो भागों में बंट गया था। उस बंटवारे के दौरान कई लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। ऐसे में उनकी सभी अचल संपत्तियों को भारत सरकार ने मान्यता दे दी और शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया।

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