Friday 22nd of November 2024

Hathras Stampede: मुख्य आरोपी मधुकर समेत 6 गिरफ्तार, भोले बाबा से भी हो सकती है पूछताछ

Reported by: PTC News Himachal Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  July 06th 2024 06:56 PM  |  Updated: July 06th 2024 06:56 PM

Hathras Stampede: मुख्य आरोपी मधुकर समेत 6 गिरफ्तार, भोले बाबा से भी हो सकती है पूछताछ

ब्यूरोः 2 जुलाई को हाथरस में हुई भगदड़ की जांच के लिए पुलिस भोले बाबा से भी पूछताछ कर सकती है। हाथरस में हुई भगदड़ के कारण 121 लोगों की जान चली गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को बताया कि भगदड़ की चल रही जांच में शामिल होने के लिए सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि को भी बुलाया जा सकता है। पुलिस ने शनिवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया है जो मुख्य आयोजकों में शामिल थे। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने शनिवार को उस स्थान का निरीक्षण किया जहां 2 जुलाई को भगदड़ हुई थी।

हाथरस में हुई भगदड़ में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली में आत्मसमर्पण करने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। मधुकर सत्संग का मुख्य सेवादार था, जहां भगदड़ मची थी। हाथरस के सिकंदर राव पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में देव प्रकाश मधुकर घटना के संबंध में नामित एकमात्र आरोपी है। मधुकर के वकील एपी सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर दावा किया कि "उनके मुवक्किल ने दिल्ली में आत्मसमर्पण कर दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।" फिलहाल कोर्ट ने देव प्रकाश मधुकर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

देव प्रकाश मधुकर नजफगढ़ से गिरफ्तार कियाः SP

हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने कहा, "देखिए, हाथरस जिले की SOG ने देव प्रकाश मधुकर को कल शाम दिल्ली के नजफगढ़ से गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ की गई है। दान देने वालों की सूची की जानकारी भी जुटाई जा रही है कि कहां से फंडिंग हो रही है। हम आयकर विभाग से भी बात कर रहे हैं, इसमें जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।” 

इस मामले में छह लोग गिरफ्तार 

गुरुवार तक इस मामले में भोले बाबा के सत्संग की आयोजन समिति की दो महिला स्वयंसेवकों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था। इस मामले में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (अवज्ञा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई को हाइकोर्ट के रिटार्यड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। जिसका कार्य हाथरस भगदड़ की जांच करना और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना का पता लगाना है।

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