Sunday 29th of September 2024

अवनी ने दिलाया पहला गोल्ड, मोना ने ब्रॉन्ज पर साधा निशाना, प्रीति ने 100 मीटर में ब्रॉन्ज दिलाया

Reported by: PTC News Himachal Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  August 30th 2024 04:10 PM  |  Updated: August 30th 2024 05:57 PM

अवनी ने दिलाया पहला गोल्ड, मोना ने ब्रॉन्ज पर साधा निशाना, प्रीति ने 100 मीटर में ब्रॉन्ज दिलाया

ब्यूरो: अवनी लेखरा ने पैरालिंपिक गेम्स में भारत को पहला मेडल दिला दिया है। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग की SH1 कैटेगरी में पैरालिंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 249.7 स्कोर किया। पिछला पैरालिंपिक रिकॉर्ड 249.6 भी अवनी के ही नाम था, जो उन्होंने टोक्यो में बनाया था।

कोरिया की युनरी ली को सिल्वर मिला, उनका स्कोर 246.8 रहा। भारत की ही मोना अग्रवाल ने 228.7 के स्कोर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया। क्वालिफिकेशन राउंड में अवनी दूसरे और मोना पांचवें नंबर पर रही थीं। 

निशानेबाज अवनि लेखरा ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर पैरालिंपिक का सर्वकालिक रिकॉर्ड तोड़ दिया और उनकी हमवतन मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक हासिल कर शुक्रवार (30 अगस्त) को पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत के अभियान की शानदार शुरुआत की।

गौरतलब है कि लेखरा ने 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 फाइनल में 249.6 के कुल स्कोर के साथ सर्वकालिक पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाया था और शुक्रवार को पेरिस में 249.7 स्कोर करके अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर बनाया और नया पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाया।

अवनि ने पैरालिंपिक में देवेंद्र झाझरिया के सर्वकालिक भारतीय रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। झाझरिया ने पैरालिंपिक में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था और अवनि के नाम अब तीन पैरालिंपिक पदक भी हैं।

उल्लेखनीय है कि अवनि ने 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में एसएच1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता था और 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एसएच1 श्रेणी में कांस्य भी जीता था।

प्रीति ने दिलाया दिन का तीसरा मेडल

विमेंस 100 मीटर टी-35 कैटेगरी की रेस में भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला। प्रीति पाल ने 14.21 सेकेंड में रेस पूरी कर तीसरा स्थान हासिल किया। यह उनकी करियर बेस्ट टाइमिंग रही। गोल्ड और सिल्वर मेडल चीन के खाते में गए। जिया झोऊ ने 13.58 सेकेंड के साथ पहला और किआन गुओ ने 13.74 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। टी-35 कैटेगरी में टी का मतलब ट्रैक होता है, वहीं 35 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिन्हें हायपरटोनिया, एटाक्सिया या एथेटोसिस जैसी बीमारी हो।

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