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Ganesh Chaturthi 2024: आज मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Reported by: PTC News Himachal Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  September 03rd 2024 06:20 PM  |  Updated: September 07th 2024 11:00 AM

Ganesh Chaturthi 2024: आज मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

ब्यूरोः हिंदू कैलेंडर के अनुसार गणेश उत्सव की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। बता दें कि इस दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर लाते हैं और शुभ अवसर पर पूरे विधि-विधान के साथ उनकी स्थापना करते हैं। फिर 10 दिनों तक भगवान गणेश की मूर्ति घर में रखकर उत्सव मनाया जाता है।

इस दौरान भक्त उनकी खूब सेवा करते हैं। उन्हें उनके पसंदीदा मोदक और लड्डुओं का भोग लगाया जाता है और दिन में दो बार आरती की जाती है। 10वें दिन भगवान गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। तो आइए जानते हैं स्थापना तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग पकवान।

गणेश चतुर्थी 2024 तिथि और समय

आपको बता दें कि इस साल शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे शुरू हो गया था, जो  7 सितंबर को शाम 5:37 बजे समाप्त होगा। उदय तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।

गणेश चतुर्थी का विशेष भोग

लड्डू

यह भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाने के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि आप बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं.

मोदक

भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय माने जाते हैं। पुराणों में कहा गया है कि भगवान गणेश अपनी माता देवी पार्वती के हाथ से बने मोदक पल भर में खा जाते थे।

गणेश चतुर्थी पूजा का समय

वैसे बप्पा के लिए किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं है क्योंकि वह विघ्नहर्ता हैं। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी के दिन आप सुबह 11:03 बजे से भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं, यह शुभ समय दोपहर 1:34 बजे तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

  • गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। फिर घर के मंदिर को साफ करके गंगाजल छिड़कना चाहिए।
  • इसके बाद भगवान गणेश को प्रणाम करें और तीन बार जाप करें।
  • अब भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  • इसके बाद भगवान गणेश को पवित्र धागा, वस्त्र, चंदन, दूर्वा, धूप, अक्षत, दीप, पीले फूल और फल चढ़ाएं। 
  • पूजा करते समय भगवान गणेश को 21 दुर्वा चढ़ाएं। 
  • दूर्वा चढ़ाते समय 'श्री गणेशाय नम: दुर्वाणकुरं समरापयामि' मंत्र का जाप करें। 
  • भगवान गणेश को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद बांटें।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, आप कोई भी उपाय अपनाने से पहले ज्योतिषियों और आचार्यों से परामर्श अवश्य लें।

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