ब्यूरो: पिछले हफ्ते गुजरात के सूरत में कीम-कोसांबा के बीच बड़े रेल हादसे की साजिश के तहत ट्रेन की पटरियों से छेड़छाड़ की गई थी। तब पटरियों से फिश प्लेट और चाबियों को हटा दिया था। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी। अब सूरत पुलिस ने जांच में पाया कि घटना को सबसे पहले देखने वाला रेलवे का कर्मचारी सुभाष पोद्दार ही आरोपी है। पुलिस की मानें तो सुभाष ने ही प्रमोशन पाने के लिए ट्रेन की पटरियों से छेड़छाड़ की योजना बनाई थी, उसने ही पटरियों से फिश प्लेट और चाबियों को हटा दिया था।
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घटना स्थल से नहीं मिला संदिग्ध सामान
घटना के बाद जांच करने के दौरान एनआईए को पहला शक सुभाष को ही हुआ था। जांच एजेंसी की मानें तो बेहद कम समय में 71 फिश प्लेट और चाबी को कोई आम आदमी पटरियों से नहीं हटा सकता है। साथ ही घटना के सामने आने से पहले उसी रुट से तीन ट्रेन रवाना हुईं थी, लेकिन तीनों ट्रेनों के लोको पायलटों को कुछ भी संदिग्द नहीं दिखा। जांच एजेंसी एनआईए को पहले से ही रेलवे कर्मचारी सुभाष पोद्दार पर शक था, क्योंकि घटना स्थल से कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई थी।
प्रमोशन पाने के लिए बनाई झूठी कहानी
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पता था कि बड़ी रेल दुर्घटना को टालने वालों को सरकार और रेलवे की तरफ से पुरस्कार व प्रमोशन दिया जाता है। घटना की जानकारी कीम स्टेशन मास्टर को देने के बाद ट्रेन को कोसांबा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया था। जांच के दौरान पता चला कि सुभाष ने कहानी बनाई कि तीन अज्ञात लोगों को ट्रैक के पर चलते हुए देखा गया था। जांच एजेंसी ने पुछताछ के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसियों ने इस पूरी घटना की जांच करने के बाद रेलवे के तीन कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम सुभाष कुमार कृष्णदेव पोदार, मनीष कुमार सुरदेव मिस्त्री और शुभम श्रीजयप्रकाश जयसवाल है।