ब्यूरो: छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के अचानक गिर जाने पर पुलिस ने सख्त एक्शन लिया है। इस मामले में ठेकेदार समेत स्ट्रक्चर कंसल्टेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। भरतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की मरम्मत की जिम्मेदारी उठाई है। इस मुद्दे पर विपक्ष, महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है क्योंकि प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया था।
एफआईआर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक शिकायत के बाद दर्ज की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि मूर्ति का निर्माण घटिया गुणवत्ता का था और संरचना में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट जंग लगे हुए पाए गए थे।
Indian Navy notes with deep concern the damage caused this morning to the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj that was unveiled on Navy Day on December 3, 2023, as a dedication to the citizens of Sindhudurg. Along with the State Government and concerned specialists, the Navy…
— ANI (@ANI) August 26, 2024
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा, "यह एक दुर्घटना है। यह प्रतिमा नौसेना द्वारा स्थापित की गई थी। यह नौसेना दिवस था, प्रधानमंत्री यहां आने वाले थे, इसलिए उस समय यह काम तेजी से किया गया और सभी ने इसकी प्रशंसा की...मुझे लगता है कि यह एक अवसर है, अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा बनाई जा रही थी। अगर यहां भी ऐसी ही ऊंची प्रतिमा बनाई जाती है, तो यह पूरे भारत के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। मालवन में पर्यटक आते हैं, इसलिए अगर इस पर विचार-विमर्श किया जाता है और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तरह इसे बनाया जाता है, तो यह छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि होगी..."
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अधिकारी मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे और "दुर्भाग्यपूर्ण" घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएंगे। उन्होंने उसी स्थान पर पूज्यनीय व्यक्ति की प्रतिमा को फिर से स्थापित करने का भी वादा किया।
उन्होंने कहा, "घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के पूज्य देवता हैं। यह प्रतिमा नौसेना द्वारा स्थापित की गई थी। उन्होंने ही इसका डिज़ाइन भी तैयार किया था। लेकिन लगभग 45 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ हवाओं के कारण यह गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई। कल पीडब्ल्यूडी और नौसेना के अधिकारी घटनास्थल का दौरा करेंगे और घटना के पीछे के कारणों की जांच करेंगे। मैंने घटना के बारे में सुनते ही लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण को घटनास्थल पर भेजा। हम इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएंगे और महाराष्ट्र के पूज्य देवता छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को उसी स्थान पर फिर से स्थापित करेंगे।"