ब्यूरोः शुक्रवार, 13 सितंबर को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Government) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सुशासन भवन में कैबिनेट बैठक बुलाई थी। बैठक को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने मां नर्मदा नदी (Narmada River) में पानी को स्वच्छ और अविरल (Water Of Narmada River) बनाए रखने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही। बैठक में सीएम मोहन यादव ने मां नर्मदा नदी को प्रदेश की जीवन रेखा बताते हुए नर्मदा किनारे के धार्मिक नगरों और स्थानों पर मांस और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करने के सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
नर्मदा का संरक्षण और संवर्धन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी परिप्रेक्ष्य में भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में आज जीवनदायिनी मां नर्मदा के जल को निर्मल एवं प्रवाह को अविरल रखने तथा समग्र विकास के लिए गठित मंत्रिमंडल समिति के साथ कार्ययोजनाओं… pic.twitter.com/aBbtS2a9SN
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 13, 2024
बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी के किनारे या उसके आसपास के धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों पर मांस और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद किया जाए। सरकार ने नदी में मशीनीकृत खनन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी दिया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन तकनीक से भी नर्मदा नदी के आसपास की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए। नर्मदा नदी की सफाई के संबंध में उन्होंने मां नर्मदा की स्वच्छता को बनाए रखते हुए अपशिष्ट निपटान के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने की सिफारिश की।
1,312 किमी लंबी नर्मदा नदी, जो अमरकंटक से शुरू होकर खंभात की खाड़ी में बहती है, मध्य प्रदेश में 1,079 किमी लंबी है। नर्मदा के तट पर 21 जिले, 68 तहसीलें, 1138 गाँव और 1126 घाट हैं। नर्मदा के तट पर 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ हैं।