ब्यूरो: शुक्रवार (9 अगस्त) को समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच एक बार फिर टकराव हुआ। इससे कुछ ही दिन पहले बच्चन ने धनखड़ पर संसद में चर्चा के दौरान उनके पति का नाम लेने पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
गौरतलब है कि आज की झड़प उस समय हुई जब उच्च सदन में तीखी नोकझोंक चल रही थी। जहां सभापति धनखड़ ने विपक्षी सांसदों पर संविधान और लोकतंत्र के प्रति अनादर दिखाने का आरोप लगाया, वहीं उन्होंने सपा सांसद जया बच्चन को सदन को संबोधित करने के लिए बुलाया।
हालांकि, अपने संबोधन में बच्चन ने सभापति की अनुचित भाषा पर सवाल उठाते हुए उन पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "मैं, जया अमिताभ बच्चन, यह बताना चाहती हूं कि एक कलाकार के तौर पर मैं शारीरिक हाव-भाव और हाव-भाव समझती हूं।
इस बीच, राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने तुरंत बच्चन को टोकते हुए उन्हें अपनी सीट पर बैठने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, "जया जी, अपनी सीट पर बैठिए। आपने बहुत नाम कमाया है। एक अभिनेता निर्देशक के अधीन होता है। आप वह नहीं देख पा रहे हैं जो मैं यहां से देख रहा हूं। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपने रास्ते से भटक गया हूं। बस इतना ही। आप भले ही एक सेलिब्रिटी हों, लेकिन आपको शिष्टाचार का ध्यान रखना चाहिए।"
बच्चन की प्रतिक्रिया
इसके अलावा, बाद में संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए जया बच्चन ने इस घटना पर अपनी निराशा व्यक्त की और सभापति से माफ़ी मांगने की भी मांग की। उन्होंने कहा, "मुझे सभापति द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति है। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं उनके लहजे से परेशान थी, खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए और उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।"
#WATCH | On her exchange of words with Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar, Samajwadi Party MP Jaya Bachchan says, "...I objected to the tone used by the Chair. We are not school children. Some of us are senior citizens. I was upset with the tone and especially when the Leader… pic.twitter.com/rh8F35pHsM
— ANI (@ANI) August 9, 2024
उन्होंने आगे कहा, "मेरा मतलब है, बार-बार असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करना, जिसे मैं यहां दोहराना नहीं चाहती, अस्वीकार्य है। उन्होंने मुझसे कहा, 'आप एक सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे परवाह नहीं है।' मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं, लेकिन मैं संसद सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। इन दिनों संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वह अभूतपूर्व है। मुझे माफ़ी चाहिए।"