ब्यूरो: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक इकाई ने उच्चतम खतरे के स्तर 6 से सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई है। DRDO ने इस एक आधिकारिक बयान जारी किया। इस बुलेटप्रूफ जैकेट का हाल ही में चंडीगढ़ के टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
DMSRDE, Kanpur has successfully developed indigenous light weight Bullet Proof Jacket( BPJ) for protection against highest threat level 6 of BIS. This is the first of its kind in monolithic ceramic which can stop 6 7.62x54 API bullets@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/v8O43kf8hC
— DRDO (@DRDO_India) April 23, 2024
टीबीआरएल चंडीगढ़ में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीआरडीओ के रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE) कानपुर ने 7.62 x 54 आरएपीआई (BIS 17051 के स्तर 6) गोला बारूद के खिलाफ सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में इस बुलेटप्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह जैकेट एक नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजक्शन) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में 7.62x54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) के कई शॉट हिट को हरा देता है।
एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ एक मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है जो ऑपरेशन के दौरान पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता है। बयान में कहा गया है कि आईसीडब्ल्यू हार्ड आर्मर पैनल (HAP) और स्टैंडअलोन एचएपी का क्षेत्रफल घनत्व 40 किग्रा/एम2 और 43 किग्रा/एम2 से कम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने उच्चतम खतरे के खिलाफ सुरक्षा के लिए इस सबसे हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए डीएमएसआरडीई को बधाई दी है।