ब्यूरोः हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन से जुड़ा संशोधन विधेयक 2027 पारित हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यह बिल सदन में पेश किया था और इस पर आज चर्चा के बाद ध्वनि मत से बिल पारित हो गया।
विपक्ष के विधायकों ने किया बिल का विरोध
विपक्ष के विधायकों ने इस बिल का विरोध किया और इसे राजनीतिक द्वेष भावना से भरा हुआ संशोधन बताया और इसे वापिस लेने की बात कही, लेकिन सरकार ने इसे ध्वनि मत से पास करवा लिया और अब बिल राज्यपाल की मंजूरी को जाना है।
पार्टी बदलने से पहले वह 100 बार सोचेंगे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया है उन्हें पेंशन और भत्ते से बाहर किया जायेगा। इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, जो लोग राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पार्टी को धोखा देकर दल बदल देते हैं, उनके लिए यह बड़ा सबक होगा और विधायक पार्टी बदलने से पहले वह 100 बार सोचेंगे।
बता दें 28 फरवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में व्हिप का 6 कांग्रेस विधायकों ने उल्लंघन किया था। इसके बाद इन विधायकों के सदस्यता चली गई थी। इनमें सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और गगरेट से चैतन्य शर्मा शामिल थे। बिल का ज्यादा असर देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा पर पड़ेगा, क्योंकि यह पहली बार विधायक बने थे जबकि 4 विधायक पहले भी विधायक रह चुके हैं जिनमें 2 विधायक उपचुनाव में भाजपा से जीतकर फिर से विधायक बने हैं।