Himachal: मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष नहीं हुआ शामिल, कैबिनेट मंत्री ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
ब्यूरो: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। सत्र शांति पूर्वक चल सके इसके लिए विधानसभा स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में विपक्ष का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। विधानसभा सत्र से पहले स्पीकर की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाना आम प्रक्रिया है। बैठक के दौरान पक्ष-विपक्ष कैसे शांतिपूर्ण तरीके से सदन को चलाए सदन की कोई कार्रवाई हंगामे की भेट ना चढ़े और ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा हो इसके लिए स्पीकर की ओर से सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है, लेकिन बीजेपी ने बैठक में शामिल न होकर अपने तेवर दिखा दिए हैं। ऐसे में सदन के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं।
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, उद्योग एवं संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि, 'सर्वदलीय बैठक में नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ये परंपरा रही है कि सत्र से पहले स्पीकर सभी दलों को बुलाते हैं। सभी पक्षों के लोग अपना पक्ष रखते हैं, लेकिन बीजेपी की तरफ कोई बैठक में नहीं आया है। ये अच्छी परंपरा नहीं है। स्पीकर का कार्यालय निर्दलीय है और दलगत राजनीति से ऊपर है। सदन में कौन किन मुद्दों को रखना चाहता है इस पर चर्चा होती है। आमतौर पर मानसून सत्र 5 से 6 दिन का रखा जाता है, लेकिन पहली बार ये सत्र दस दिन तक रखा गया है, क्योंकि सरकार की मंशा है कि हर सदस्य अपना पक्ष रखे और कोई सकारात्मक सुधार कोई सरकार को देता है उसे सरकार मानेगी। बैठक से पहले उन्होंने नेता विपक्ष से बात की थी। सरकार चाहती है कि सदन एकदम अच्छे से चले।'
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, 'उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष सदन में सकारात्मक भूमिका निभाएगा। बीजेपी को ये समझाना होगा कि अब उन्हें 2027 तक विपक्ष के तौर पर ही सदन में बैठना है। विपक्ष प्रदेश के विकास के लिए सकारात्मक सुझाव दे। केंद्र में बीजेपी की सरकार है। हमने बीते साल भी आपदा के चलते केंद्र से मदद के लिए सदन में प्रस्ताव लाया था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से विपक्ष सदन में चुपचाप बैठा रहा।'
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सेशन कल यानी मंगलवार से आरंभ होगा। इस बार मानसून सेशन दस दिन का होगा। ये 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलेगा। पूर्वाह्न 11 बजे से आरंभ हो रहे सेशन में सबसे पहले दिवंगत सदस्यों के प्रति शोक उद्गार रखे जाएंगे।