ब्यूरो: सिरसा डेरा प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब डेरा प्रमुख ने ईशनिंदा मामले में दर्ज एफआईआर की सीबीआई जांच की मांग की है। बता दें कि ईशनिंदा के मामले में अक्टूबर 2015 में बठिंडा के दलपुरा और नवंबर 2015 में मोगा के स्मॉलसर में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिस पर राम रहीम ने सीबीआई जांच की मांग की है।
दायर याचिका में कहा गया है कि आरोपी प्रदीप कलेर ने फरवरी में मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दिया था, उसके आधार पर अब पंजाब सरकार ने उस मामले में उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट मांगा है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही पंजाब सरकार को आदेश दिया गया है कि अगर इन मामलों में डेरा प्रमुख के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो इसकी सूचना डेरा प्रमुख को 7 दिन पहले दी जाए।
डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट को बताया कि मानहानि मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से तीन फरीदकोट में दर्ज की गई हैं। इन तीनों एफआईआर पर डेरा प्रमुख की सुनवाई पर हाई कोर्ट ने पिछले महीने ही रोक लगा दी है और पूरा मामला हाई कोर्ट की बड़ी बेंच को रेफर कर दिया गया है। लेकिन बठिंडा और मोगा की एफआईआर में डेरा प्रमुख पर कार्रवाई हो सकती है।
इसलिए अब डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इन दोनों एफआईआर की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले और अब लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा किया है। उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट भी जारी हो सकता है, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।