ब्यूरो: बिहार के जहानाबाद जिले में सावन के चौथे सोमवार बड़ा हादसा हुआ है। वाणावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में सोमवार सुबह भगदड़ मच गई। इसमें छह महिलाओं समेत सात लोगों की मौत हो गई। सावन के चौथे सोमवार के चलते सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ सोमवार देर रात से ही लगी हुई थी। यह घटना सोमवार को रात करीब 1:00 बजे घटित हुई। बताया जा रहा है कि मंदिर में दर्शन को लेकर कुछ श्रद्धालुओं में कहासुनी हुई। इस दौरान पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इसके बाद मंदिर में अचानक भगदड़ मच गई।
इससे पहले 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भगदड़ बाबा नारायण हरि, जिन्हें 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है, के नेतृत्व में आयोजित एक समागम में हुई। भगदड़ सत्संग (प्रार्थना सभा) के दौरान हुई, जिसमें हज़ारों लोग शामिल हुए थे। निजी तौर पर आयोजित इस कार्यक्रम को सब-डिवीज़नल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से अनुमति मिली थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा था कि इस घातक घटना के पीछे भीड़भाड़ एक कारण थी।
Bihar: बिहार के जहानाबाद में श्रावणी मेले के दौरान सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़ सात श्रद्धालुओं की मौतSeven Devotees killed, several injured in #stampede at #Jehanabad's #BabaSiddheshwarNathTemple in #Biharhttps://t.co/m1XnPcxrkk pic.twitter.com/nul5lCBQ41
— Vijay Upadhyay (@piovijay) August 12, 2024
यह दुखद घटना अभूतपूर्व नहीं है, क्योंकि भारत में मंदिरों और धार्मिक समारोहों में भगदड़ ने पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों की जान ले ली है। इनमें से उल्लेखनीय हैं 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में हुई भगदड़, जिसके परिणामस्वरूप 340 से अधिक भक्तों की मौत हो गई थी, और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में हुई त्रासदी, जिसमें कम से कम 250 लोग मारे गए थे। हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक सभा में 2008 में हुई एक और भगदड़ में 162 लोगों की जान चली गई थी।