ब्यूरोः बढ़ती मंहगाई के चलते अब स्विग्गी और जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म चार्जेस बढ़ा दिए है। इसके चलते ऑनलाइन खाना मंगवाने वाले लोगों की जेब पर वजन पड़ेगा।
स्विग्गी और जोमैटो ने प्रति ऑर्डर के चार्जेस 5 रुपये से बढ़कर 6 रुपये कर दिया है, जो 20 प्रतिशत अधिक है। स्विग्गी और जोमैटो के बढ़े हुए प्लेटफॉर्म चार्जेस बीते दिन से लागू हो गए हैं और ये बढ़े हुए चार्जेस सबसे पहले बेंगलुरु और दिल्ली में शुरू किए गए हैं। यह चार्जेस डिलीवरी चार्जेस, जीएसटी, रेस्टोरेंट चार्जेस और ऑर्डर से जुड़े अन्य खर्चों से अलग है। चाहे ग्राहक स्विग्गी या जोमैटो के लॉयल्टी प्रोग्राम में शामिल हों या नहीं।
स्विग्गी ने बेंगलुरु में पहले 7 रुपये का प्लेटफॉर्म चार्जेस लगाने का प्रयोग किया था, लेकिन बाद में इसे 6 रुपये कर दिया। हाल ही में, ये दोनों कंपनियां दिल्ली और बेंगलुरु में नया प्लेटफॉर्म चार्ज ले रही हैं, और इसे अन्य शहरों में भी लागू करने की योजना बना रही।
2023 में बढ़ाए गए थे प्लेटफॉर्म शुल्क
2023 में, जोमैटो और स्विग्गी ने प्लेटफॉर्म शुल्क की शुरुआत की थी, जो 2 रुपये प्रति ऑर्डर था। अप्रैल में, जोमैटो ने अपने प्रमुख बाजारों जैसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ में अपने प्लेटफॉर्म शुल्क को बढ़ाकर 5 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया था। तो वहीं जोमैटो फास्ट डिलीवरी के लिए एक प्रायोरिटी शुल्क भी लेता है। यह प्लेटफॉर्म शुल्क कंपनियों की राजस्व और लागत प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों कंपनियों ने इसे अपने व्यवसाय को स्थिर और लाभकारी बनाने के लिए लागू किया है।
ग्राहक चाहे किसी भी प्रकार के ऑर्डर करें, उन्हें यह अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इस वृद्धि से कंपनियों को अपने संचालन की लागत को कवर करने और उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। भविष्य में, स्विग्गी और जोमैटो अन्य शहरों में भी इस नए शुल्क को लागू कर सकती हैं, जिससे उनके राजस्व में और वृद्धि हो सके। अब यह समझना होगा की यह अतिरिक्त शुल्क कंपनियों की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है।